How Zomato & Swiggy Earns Money – Zomato Business Model in Hindi
दोस्तों Zomato और Swiggy का rise हम सभी ने देखा है और आज ये दोनो कंपनियां न सिर्फ दिल्ली मुंबई या बंगलौर में operate कर रही है लेकिन उससे कई आगे बढ़कर Tier -2 और Tier -3 cities तक पहुँच चुकी है और पूरे food delivery market पर कब्जा कर चुकी है लेकिन सवाल ये आता है कि आखिर ये कंपनियां कैसे कमा रही है, या क्या ये कंपनियां पैसा कमा भी रही है या नही? क्योंकि लॉन्च होने से अबतक दोनो ही कंपनियों ने किसी भी तरह का profit नही कमाया है। तो अगर आप भी जानना चाह रहे है कि आखिर Zomato और Swiggy का business model क्या है तो पढ़ते रहिये|
सबसे पहले हम आते है इनके losses पर जैसा कि हमने बताया कि अभी तक ये दोनो ही कंपनियां loss में है लेकिन फिर भी ये लगातार discount दिए जा रही है। आपको शायद सुनकर अजीब लगे लेकिन हर startup की साथ ऐसा होता है और शायद ये दोनो ही इससे परेशान नहीं है। ज्यादातर startups के पास पैसा उनके investors से आता है और इस पैसे का इस्तेमाल करके वो लोग अपने customers को शुरुआत में बड़े बड़े discount, cashbacks या coupons देते रहते है जिससे ज्यादा से ज्यादा customers उनके साथ जुड़े, एक बार पूरी तरह से जब market capture हो जाता है तब ये कंपनियां इन discounts को कम कर देती है या पूरी तरह ही खत्म कर देती है जिससे उनकी कमाई होने लगे।
आपने ये चीज़ Paytm के साथ भी देखी होगी जो शुरुआत में बड़े बड़े cashbacks दिया करती थी लेकिन अब वो cashback काफी कम हो गया है या फिर मिलता ही नहीं है। तो क्या zomato यही कर रहा है और क्या एक समय आएगा जब zomato discounts देना बिलकुल ही बंद कर देगा और आपको खाना पूरे दाम चुका कर खरीदना पड़ेगा? ज्यातादार लोग कहते है कि यही होने वाला है लेकिन इन companies को पता है कि अगर वो ऐसा करते है तो बहुत से लोग है जो खाना order करना बंद कर देंगे, जिससे ये कंपनियां fail भी हो सकती है इसीलिए अगर सिर्फ यही इनका business model होता तो investors इन कंपनियों में अपना पैसा न लगाते और आज ये 25 हजार करोड़ रुपयों का market खड़ा न होता। तो अगर ऐसा नही है तो क्या चल रहा है?
इन दोनो companies के पास पैसा कमाने के तीन बड़े रास्ते है, Food delivery, Ads और Business Consultancy Service और आज हम इन तीनों पर बात करने वाले है। पहला है Food delivery, मान लीजिए 120 रुपए की एक डिश मगवाने पर zomato आपको 40% तक discount दे रहा है तो यानी ये dish आपको असल में 70 से 80 रुपए के बीच पड़ रही है तो इसमें सीधा सीधा zomato का loss आप देख सकते है। लेकिन मजेदार बात ये है कि जो dish आप इन apps पर 120 रुपए की देखते है वो restaurant में जाने पर आपको 90 से 100 रुपए की पड़ेगी यानी 15 से 20% तक restaurants अपना price बढ़कर अपनी dishes को वहां list करते है और Zomato के लिए आपको ये discount देना आसान हो जाता है। अब बचा बाकी का हिस्सा।
तो अगर आप कभी किसी restaurant owner से बात करे और पूछे कि उसे क्या ज्यादा पसंद आएगा कि customer घर पर खाना मंगवाए या फिर खुद restaurant में आकर खाए तो वो जवाब देगा कि home delivery ज्यादा बेहतर option है क्योंकि न उसमे उसे waiter का खर्च देना है, ना ही वो customer table रोक कर रखेगा जिसे कोई और इस्तेमाल कर सकता है और साथ ही बाकी जो operational charges है वो भी कम हो जाएंगे। घर पर खाना भेजने से restaurant की offline sales भी बढ़ेगी क्योंकि वहां अब बाकी लोगो के लिए ज्यादा जगह और पर्याप्त staff है। इसी वजह से Zomato और Swiggy इन restaurants से 15 से 20% तक कमीशन लेते है और यही commission इसके बाद वो आपको discount के तौर पर दे रहे है यानि जो discount आपको मिल रहा है उसमे इन कंपनियों को अपना पैसा नही खर्च करना पड़ रहा या फिर काफी कम पैसा खर्च करना पड़ रहा है, ये discount खुशी खुशी आपको restaurant owners की तरफ से मिल जाता है।
ये दोनो ही कंपनियां इस तरह से No loss No profit पर काम कर रही है। लेकिन कंपनी के बाकी खर्चे है जो उन्हें खुद ही उठाने पड़ते है, जिसमे से पहला है delivery boys को पैसा देना। ये दोनो कंपनियां अपने delivery boys को market में सबसे ज्यादा पैसा देती है ताकि वो उनके लिए डिलीवरी करना ना छोड़े। अगर डिलीवरी boys खुश है और 20 से 25 हज़ार रुपए तक हर महीने कमा पा रहे है तो इनके पास एक regular workforce रहता है और जितने ज्यादा delivery वाले होंगे उतना ज्यादा जल्दी आपके पास order पहुंचेगा और उतना ही ज़्यादा आपको वो app पसंद आएगा। इसलिए ये कंपनियां यहां पैसा खर्च करती है। इसके अलावा इन investors का पैसा इनके app को बनाने, उसकी maintenance, marketing, Research and development और customer support जैसी चीजों में भी खर्च होता है। लेकिन Zomato हमेशा ही अपने investors का पैसा नही खर्च कर सकता, एक समय के बाद उसे profit कमाना ही होगा और profit कमाने के लिए वो एक दूसरा तरीका लेकर आए है जो है ads।
Zomato और Swiggy को कई सारे restaurants अलग अलग चीजों के लिए पैसा देते है जिसमे से पहला है priority listing। Priority listing को समझने के लिए ऐसा समझिए कि शहर में 30 restaurants है जो बिरयानी बेच रहे है, और एक कस्टमर ज्यादा से ज्यादा 5 से 7 options तक देखने के बाद उसमे से किसी restaurant से खाना मंगवा लेगा। ये कंपनियां कहती है कि अगर आप चाहते है कि आपका restaurant इस लिस्ट में ऊपर दिखे तो आपको इन्हें एक fees देनी पड़ेगी और इसी fees से इनकी कमाई होती है।
अब क्योंकि Zomato की वजह से एक restaurant की sale बढ़ चुकी है और वो ऐसे customers को भी अपना खाना बेच पा रहा है जो शायद कभी उसके restaurant में खुद नही आएंगे इसलिए ये restaurants खुशी खुशी ये fees भी भर देते है। इसके अलावा नए restaurants भी इस तरीके का इस्तेमाल करते है ताकि जल्द से उनके customers बन जाए और उन्हें एक rating मिल जाए।
इसी rating को देखकर फिर जब बाद में company ad देना बंद कर देगी तब इन restaurants का business चलता रहेगा। साथ ही कुछ लोग ऐसे भी जिनके पास कोई restaurant या cafe नही है जहां लोग आकर बैठ सके, वो बस एक home kitchen है। ऐसे लोगो का 100% business Zomato या Swiggy पर हुई online sale पर ही निर्भर करता है ऐसे में ये भी चाहते है कि वो list में ऊपर दिखे। इस कमाई को ये कंपनियां और ज्यादा discounts देने या फिर अपने दूसरे खर्चों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते है।
इन दोनो तरीकों के अलावा भी इन कंपनियों के पास एक तीसरा तरीका भी है जो है Business consulting। Zomato और Swiggy के पास बहुत सारा डाटा है उन्हें पता है कि शहर के किस हिस्से में लोग North Indian खाना पसंद करते है और किस हिस्से में South इंडियन, उन्हें ये भी पता है कि लोग कौनसी coffee ज्यादा मंगाते है 150 रुपए वाली या 180 वाली। इसी डाटा के कारण इन companies को पूरे शहर की food habits और उनकी spending limit और preferences का अंदाजा है।
अब अगर आप कोई नया restaurant खोलना चाह रहे है तो आप इन कंपनियों के पास जा सकते है और इसने पूछ सकते है कि जिस इलाके में आपको अपना business शुरू करना है वहां लोग किस तरह का cuisine पसंद करते है, सिर्फ इतना ही नहीं आप इनसे उस इलाके कि spending habits के बारे में जानकर ये भी पता कर सकते है कि आपको अपने खाने की items का price कितना रखना है कि आपकी sale सबसे ज्यादा हो। इस तरीके से आप ये सुनिश्चित करते है कि जब आप अपना business खोलेंगे तो उसमे loss होने का chance बहुत कम है और अपने इसी डाटा और advice के लिए Zomato और Swiggy आपसे एक मोटी फीस वसूलते है और इससे भी उनकी कमाई होती है।
अभी के लिए इन companies के पास पैसे कमाने के यही रास्ते है लेकिन इसका मतलब ये नही कि और रास्ते नही खुल सकते। इन companies के पास जितना डाटा है और जितना इन्हें लोगो की food habits के बारे में पता है आगे जाकर आप शायद इन दोनो companies को अपने खुद के restaurants खोलते हुए भी देख सकते है। ये सिर्फ एक संभावना नहीं है, इन companies से पहले foodpanda ये कर चुका है। न सिर्फ इससे उनकी कमाई होगी पर उन्हें अपने business पर ज्यादा कंट्रोल भी मिलेगा।
आज के समय में अगर एक restaurant अच्छा खाना नही दे रहा है और लोग reviews नही पढ़ रहे है तो Zomato उन्हें अपनी quality improve करने के लिए नही कह सकता लेकिन जब restaurant खुद zomato या swiggy का होगा तब उन्हें ऐसा करने में कोई परेशानी नहीं आएगी और वो लगातार खुद की गलतियों से सीखते हुए अपने restaurants को improve कर पाएंगे। इसके अलावा इनके खुद के restaurants में कोई commission नही होगा और वो एक आम restaurant owner की तरह नही सोचेंगे जिसकी कमाई का एक ही साधन जिस वजह से कम discount देता है। इन कंपनियों की food chains से आप और ज्यादा discount की उम्मीद कर सकते है और इन discounts से कंपनी को कोई नुकसान भी नही होगा।
तो ये था Zomato और Swiggy का business model आपको ये पोस्ट कैसा लगा हमे comment करके जरूर बताएं|